वो सर्द शाम अब तक है ज़हन में जब पहली बार थे हम मिले। वो सर्द शाम अब तक है ज़हन में जब पहली बार थे हम मिले।
ए वक्त, उन तक मेरी आवाज न पहुँच पायी, क्या इसी का नाम है बेवफाई l ए वक्त, उन तक मेरी आवाज न पहुँच पायी, क्या इसी का नाम है बेवफाई l
पहले अग्नि को प्रज्वलित करा जाता है उसके बाद आता फाग है ! पहले अग्नि को प्रज्वलित करा जाता है उसके बाद आता फाग है !
कभी ख़्याल आए तो लौट कर आना कुछ ख़ास नहीं बदला है यहाँ। कभी ख़्याल आए तो लौट कर आना कुछ ख़ास नहीं बदला है यहाँ।
अपनी पलकों पे सजाने सिर्फ़ लिये जन्मों जन्म तक आती रहूँगी। अपनी पलकों पे सजाने सिर्फ़ लिये जन्मों जन्म तक आती रहूँगी।
काई कहने लगी खोई वस्तु को खोजने में इतना वक्त नही लगाते हम आदमी की तरह जिंदगी भर किसी का इंत... काई कहने लगी खोई वस्तु को खोजने में इतना वक्त नही लगाते हम आदमी की तरह ज...